
Solar Atta Chakki Price In India : सोलर आटा चक्की की कीमत, क्षमता, प्रमुख ब्रांड, सब्सिडी योजना गाइड
दूर-दराज के इलाकों में बिजली की अनियमित आपूर्ति और बढ़ते बिजली बिल ने पारंपरिक आटा चक्कियों के उपयोग में चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं। इसी समस्या का समाधान लेकर आई है सोलर आटा चक्की (Solar Atta Chakki) – जो सूर्य की ऊर्जा से चलकर घर-घर ताजा आटा पीसने की सुविधा देती है।
Contents
- 1 सोलर आटा चक्की क्या है?
- 2 भारत में कीमत का रेंज
- 3 क्षमता और मॉडल के अनुसार मूल्य विभाजन
- 4 प्रमुख ब्रांड एवं उनकी कीमतें
- 5 खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें
- 6 स्थापना एवं रख-रखाव खर्च
- 7 सरकार की सब्सिडी व योजनाएँ
- 8 व्यक्तिगत अनुभव एवं सलाह
- 9 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- 9.1 प्रश्न: सोलर आटा चक्की की औसत आयु कितनी होती है?
- 9.2 प्रश्न: क्या बैटरी बैकअप अनिवार्य है?
- 9.3 प्रश्न: क्या इसे मोड्यूलर तरीके से बढ़ाया जा सकता है?
- 9.4 प्रश्न: पारंपरिक आटा चक्की से तुलना में लागत कितनी होती है?
- 9.5 प्रश्न: क्या इसे घर पर स्वयं इंस्टॉल कर सकते हैं?
- 9.6 प्रश्न: सोलर पैनल वारंटी कितनी मिलती है?
- 9.7 प्रश्न: छोटी क्षमता में भी ROI (रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट) कब तक होता है?
सोलर आटा चक्की क्या है?
सोलर आटा चक्की एक ऐसा घरेलू उपकरण है जो सौर पैनल द्वारा उत्पन्न बिजली से मोटर को चलाकर गेहूं, बाजरा, ज्वार आदि अनाज को पीसता है। पारंपरिक बिजली या डीज़ल генераेटर पर निर्भरता के बजाय यह पूरी तरह हरित (ग्रीन) ऊर्जा पर कार्य करती है, जिससे:
- बिजली बिल में बचत
- पर्यावरण संरक्षण (कोई प्रदूषण नहीं)
- स्थायी एवं स्वायत्त संचालन
जगह-जगह बिना तार उड़ाए या अतिरिक्त इंजन रखे, सीधे सूर्य की रोशनी को बिजली में बदलकर घर-घर आटा पीसती है।
भारत में कीमत का रेंज
मार्केट में सोलर आटा चक्की की कीमतें आमतौर पर ₹15,000 से लेकर ₹45,000 तक होती हैं। यह रेंज मुख्यतः प्रणाली की क्षमता, सौर पैनल की क्षमता, बिल्ट क्वालिटी और ब्रांड वैल्यू पर निर्भर करती है।
| क्षमता (किलो/घंटा) | सोलर पैनल क्षमता (वॉट) | अनुमानित कीमत (₹) |
|---|---|---|
| 5–10 kg/hr | 200–300 W | ₹15,000 – ₹20,000 |
| 10–20 kg/hr | 300–500 W | ₹20,000 – ₹30,000 |
| 20–30 kg/hr | 500–750 W | ₹30,000 – ₹40,000 |
| 30 kg/hr से अधिक | 750–1000 W | ₹40,000 – ₹45,000+ |
टिप: ऊपर दिखाए आंकड़े सामान्य रेंज हैं; वास्तविक कीमत क्षेत्र, विक्रेता और ब्रांड के अनुसार बदल सकती है।
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क्षमता और मॉडल के अनुसार मूल्य विभाजन
छोटा क्षमता मॉडल (5–10 kg/hr)
- उपयुक्त: एकल परिवार या छोटे ग्रुप के लिए
- सोलर पैनल: 200–300 W
- कुल लागत: ₹15,000 – ₹20,000
- लाभ: कम जगह, हल्का वजन, कम रख-रखाव
मध्यम क्षमता मॉडल (10–20 kg/hr)
- उपयुक्त: मिडिल साइज परिवार या महिला सहायता समूह के लिए
- सोलर पैनल: 300–500 W
- कुल लागत: ₹20,000 – ₹30,000
- लाभ: दिन में 2–3 पीसिंग सत्र, बेहतर उत्पादन
उच्च क्षमता मॉडल (20–30 kg/hr)
- उपयुक्त: बड़े परिवार, छोटे व्यवसाय
- सोलर पैनल: 500–750 W
- कुल लागत: ₹30,000 – ₹40,000
- लाभ: व्यावसायिक उत्पादन, तेज़ पीसिंग
वाणिज्यिक/बहु क्षमता (30+ kg/hr)
- उपयुक्त: सहकारी समितियाँ, ग्रामीण संस्थाएँ
- सोलर पैनल: 750–1000 W या उससे अधिक
- कुल लागत: ₹40,000 – ₹60,000+
- लाभ: बड़ी मात्रा में उत्पादन, अधिक कमाई का अवसर
प्रमुख ब्रांड एवं उनकी कीमतें
भारत में कुछ प्रमुख निर्माता व विक्रेता निम्नलिखित हैं:
| ब्रांड नाम | मॉडल कैपेसिटी | सोलर पैनल क्षमता | कीमत रेंज (₹) |
|---|---|---|---|
| SuryaGrind | 10 kg/hr | 400 W | ₹22,000 – ₹25,000 |
| AgroSolar | 20 kg/hr | 600 W | ₹32,000 – ₹35,000 |
| GreenMill | 5 kg/hr | 250 W | ₹16,000 – ₹18,000 |
| SunFlour | 30 kg/hr | 800 W | ₹42,000 – ₹45,000 |
| EcoAtta | 15 kg/hr | 500 W | ₹27,000 – ₹29,000 |
नोट: उपरोक्त कीमतें अनुमानित हैं; वास्तविकता में डिस्ट्रिब्यूटर, महाराष्ट्र/पंजाब/राजस्थान/उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में अलग-अलग हो सकती हैं।
खरीदते समय ध्यान रखने योग्य बातें
- क्षमता का मूल्यांकन: अपने परिवार या समूह की दैनिक आवश्यक्ता के आधार पर सही क्षमता चुनें।
- सौर पैनल माइक्रोकॉन्ट्रोलर: गुणवत्ता व वारंटी देखें—कम से कम 5 साल वारंटी हो।
- मोटर व चक्की क्वालिटी: स्टेनलेस स्टील या हार्ड एलॉय चक्की बल्ब बेहतर टिकाऊ होती है।
- इन्वर्टर/बेटरी बैकअप: यदि बादल-धुंध के दिन कवर करना हो, तो इन्वर्टर व SMF बैटरी विकल्प देखें।
- स्थापना लागत: विक्रेता से इंस्टॉलेशन चार्ज पूछें—₹1000–₹3000 तक हो सकता है।
- वारंटी व सर्विस: लोकल सर्विस नेटवर्क व कस्टमर केयर सपोर्ट महत्वपूर्ण है।
- सरकारी सब्सिडी: केंद्र/राज्य सरकार की सौर किसान स्कीम की उपलब्धता जांचें।
स्थापना एवं रख-रखाव खर्च
- स्थापना (Installation) चार्ज: ₹1,000 – ₹3,000
- रीगेडिंग (Regreasing) व पार्ट बदलना: प्रति वर्ष लगभग ₹500 – ₹1,000
- पैनल सफाई व निरीक्षण: सर्दी/बारिश के बाद ₹200 – ₹500
समय-समय पर सौर पैनल व मोटर की सफाई कर, बैटरी पानी स्तर जांच कर कार्यकुशलता सुनिश्चित करें।
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सरकार की सब्सिडी व योजनाएँ
केंद्र सरकार व कई राज्य सरकारें सोलर कृषि उपकरणों पर सब्सिडी देती हैं:
- PM-KUSUM Phase II: तृतीय पक्ष सोलर किसानों को 30% सब्सिडी
- राज्य स्तर पर: महाराष्ट्र/राजस्थान आदि में 25–50% सब्सिडी
- कृषि मंत्रालय: सौर पम्प सेट पर 30% सब्सिडी
योजना के तहत आवेदन व पुष्टि के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई पोर्टल देखें।
व्यक्तिगत अनुभव एवं सलाह
“हमारे महिला स्वयं सहायता समूह ने SunFlour का 5 किलो/घंटा मॉडल लिया—इंस्टॉलेशन मात्र 10 दिन में पूरा हुआ। अब हर दिन 3 सत्रों में 15 किलो आटा पीसकर समूह को ₹6,000 अतिरिक्त आमदनी हो रही है।”
— रश्मि देवी, ग्राम बिरला, उत्तर प्रदेश
सलाह:
- समूह बनाकर खरीदें—बड़ी क्षमता मॉडल पर बेहतर छूट मिलती है।
- विक्रेता से डीटेल्ड प्रोडक्ट डेमो मांगें।
- ग्राम पंचायत में साझा स्थापना कर इंस्टॉलेशन खर्च बचाएं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न: सोलर आटा चक्की की औसत आयु कितनी होती है?
उत्तर: अच्छी क्वालिटी वाले मॉडलों की आयु 8–10 वर्ष तक होती है।
प्रश्न: क्या बैटरी बैकअप अनिवार्य है?
उत्तर: बादल-धुंध वाले क्षेत्रों में बैकअप देने हेतु बैटरी व इन्वर्टर उपयोगी है, अन्यथा दिन के उजले समय में पर्याप्त होता है।
प्रश्न: क्या इसे मोड्यूलर तरीके से बढ़ाया जा सकता है?
उत्तर: हाँ, बाद में अतिरिक्त सोलर पैनल/मोटर जोड़कर क्षमता बढ़ाई जा सकती है।
प्रश्न: पारंपरिक आटा चक्की से तुलना में लागत कितनी होती है?
उत्तर: बिजली आधारित चक्की की प्रति यूनिट लागत ~₹3–₹5 होती है, जबकि एक बार निवेश के बाद सोलर चक्की लगभग निःशुल्क चलता है।
प्रश्न: क्या इसे घर पर स्वयं इंस्टॉल कर सकते हैं?
उत्तर: यदि इलेक्ट्रिकल कौशल हो, तो – अन्यथा विक्रेता द्वारा इंस्टॉलेशन कराएं।
प्रश्न: सोलर पैनल वारंटी कितनी मिलती है?
उत्तर: सामान्यतः 5–10 वर्ष वारंटी होती है।
प्रश्न: छोटी क्षमता में भी ROI (रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट) कब तक होता है?
उत्तर: 2–3 साल में बिजली खर्च बचत से निवेश पूरे होते हैं |
सोलर आटा चक्की न केवल बिजली बिल बचाती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। सही क्षमता, गुणवत्ता व सब्सिडी योजनाओं का लाभ लेकर आप 2–3 वर्षों में अपने निवेश पर भारी रिटर्न पा सकते हैं। पात्रता जांच कर, PM-KUSUM जैसी योजनाओं में आवेदन करें और अपने घर या समूह के लिए सोलर आटा चक्की खरीदें।
अभी सोलर आटा चक्की खरीदें और हर दिन मुफ्त बिजली से ताजा आटा पीसकर अपनी आय बढ़ाएँ!




