Indira Awas Yojana (IAY) की पूरी जानकारी, उद्देश्य, पात्रता, वित्तीय सहायता, आवेदन प्रक्रिया और प्रगति

By Anurag Maurya

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यह आर्टिकल Indira Awaas Yojana (IAY) की विस्तृत जानकारी देता है। साथ ही बताता है कि यह वर्तमान में Pradhan Mantri Awas Yojana (ग्रामीण) में कैसे शामिल है। सरल भाषा, छोटे पैराग्राफ, लिस्ट्स और टेबल के साथ तथ्य दिए गए हैं।

उद्देश्य

Indira Awaas Yojana (IAY) भारत सरकार की एक प्रमुख ग्रामीण आवास योजना थी। इसे ग्रामीण निर्धन परिवारों को pucca घर देने के लिए शुरू किया गया था। मुख्य उद्देश्य:

  • अनुसूचित जाति/जनजाति के निर्धन परिवारों को आवास सहायता देना।
  • Minorities, मुक्त बंधुआ मजदूरों तथा गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले अन्य ग्रामीण परिवारों को कुचा घर निर्माण या उन्नयन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना।
  • रोजगारआधारित पुनर्वास (जैसे occupational diseases से प्रभावित) या विस्थापन के कारण घरविहीन हुए लोगों की सहायता।
  • नवाचार और किफायती तकनीक के माध्यम से बेहतर आवास मॉडल दिखाना।

यह योजना केंद्रीय और राज्य सरकार के सहयोग से वित्तपोषित होती थी। ग्रामीण आवास की कमी दूर करना और सम्मानपूर्वक जीवन सुनिश्चित करना इसका लक्ष्य था।

IAY से PMAY‑G में संक्रमण

2016 के बाद IAY को बंद कर दिया गया। इसके उद्देश्य और लाभ Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin (PMAY‑G) में सम्मिलित कर लिए गए।

  • Indira Awaas Yojana के अंतर्गत किये गए कार्यों की रिपोर्टिंग Rural Housing Reporting पोर्टल पर उपलब्ध रहती है।
  • PMAY‑G में पात्रता और वित्तीय राशि में समय के साथ समायोजन हुआ। जहां IAY के तहत एकल इकाई सहायता ₹70,000–₹1,30,000 तक थी, वहीं PMAY‑G में अनुमोदित दरें और भी बेहतर सुविधाएँ जोड़ती हैं।

यदि वर्तमान में आवेदन करना है, तो PMAY‑G के नियम देखें। पर इस आर्टिकल में IAY का ऐतिहासिक संदर्भ, पात्रता और उपयोग बताए गए हैं। साथ ही PMAY‑G में संक्रमण से जुड़ी मुख्य बातें संक्षेप में दी गई हैं।

पात्रता मानदंड (IAY के समय)

नीचे IAY के लिए सामान्य पात्रता शर्तें दी गई हैं (विभिन्न राज्यों में थोड़ी-बहुत भिन्नता हो सकती है):

  • निधन रेखा से नीचे (BPL) परिवार: परिवार की वार्षिक आय निर्धारित सीमा से कम।
  • अनुसूचित जाति/जनजाति: BPL श्रेणी में आने वाले।
  • मुक्त बंधुआ मजदूर: occupational disease या बंधुआ मजदूरी से मुक्त परिवार।
  • अल्पसंख्यक (Minorities): BPL श्रेणी के।
  • विकलांग व्यक्ति वाले परिवार: निर्धारित कोटा में।
  • विधवा या शहीद सैनिक के परिजन: ग्रामीण क्षेत्र में, BPL श्रेणी में।
  • भूमिहीन परिवार: जिनके पास घर बनाने के लिए उपयुक्त भूमि हो।
  • पहले लाभ न मिला हो: जिस परिवार को पहले किसी अन्य आवास योजना का लाभ नहीं मिला हो।

राज्य/केंद्र द्वारा समय-समय पर आय सीमा, भूमि सीमा और अन्य मानदंड अपडेट होते रहे। आवेदन से पहले स्थानीय ग्रामसभा या जिला ग्रामीण विकास एजेंसी (DRDA) से पुष्टि करें।

वित्त पोषण पैटर्न और सहायता राशि

IAY के अंतर्गत निर्माण या उन्नयन के लिए केंद्रीय और राज्य सरकार मिलकर वित्त देती थी। आम तौर पर साझेदारी:

  • सामान्य क्षेत्र: 75% केंद्र, 25% राज्य (कुछ उत्तर-पूर्व या विशेष क्षेत्र 90:10)
  • उत्तर‑पूर्व और केंद्र शासित प्रदेश: 90% केंद्र, 10% राज्य या 100% केंद्र (UTs के लिए)

इकाई सहायता (Unit Assistance)

नीचे एक सामान्य तालिका है (विभिन्न राज्यों में राशि अलग हो सकती है, उदाहरण मात्र):

मदPlain क्षेत्र सहायता (₹)कठिन/पहाड़ी क्षेत्र सहायता (₹)
नया घर निर्माण70,00075,000
कच्चे मकान उन्नयन15,00015,000
भूमि प्रदान करना20,00020,000
शौचालय निर्माण के लिए अतिरिक्त9,000–12,000 (Swachh Bharat के तहत)9,000–12,000
  • सहायता किश्तों में मिलती थी: पहली किश्त अनुमोदन पर, दूसरी निर्माण के बीच में, तीसरी पूरा होने पर।
  • लाभार्थी द्वारा स्वयं या सामुदायिक सहयोग से निर्माण करना होता था। कहीं-कहीं MGNREGA के अंतर्गत श्रमिक उपलब्ध होते थे।
  • 5% राशि आपात स्थिति (प्राकृतिक आपदा आदि) के लिए आरक्षित रहती थी।

आवेदन के कदम (IAY ऐतिहासिक संदर्भ)

हालांकि अब सीधे IAY आवेदन संभव नहीं, पर PMAY‑G के संदर्भ में प्रक्रिया इसी तरह की है। नीचे सामान्य प्रक्रिया दी जा रही है:

  1. ग्रामसभा सूचीकरण
    • ग्रामसभा में सूची तैयार होती थी: BPL परिवार, अनुसूचित जाति/जनजाति आदि पात्र।
    • ग्रामसभा द्वारा पात्र परिवारों का चयन, Waiting List तैयार होती थी।
  2. DRDA/ब्लॉक संविदान
    • चयनित परिवार DRDA या ब्लॉक दफ्तर में आवेदन जमा करते थे।
    • आवश्यक दस्तावेज (पहचान, आय, भूमि स्वामित्व) संलग्न करके आवेदन फॉर्म भरते थे।
  3. सत्यापन
    • अधिकारी स्थल निरीक्षण करते थे।
    • दस्तावेज सही होने पर स्वीकृति।
  4. अनुदान निर्गमन (Fund Release)
    • स्वीकृति के बाद पहली किश्त DBT के माध्यम से बैंक खाते में आती थी।
    • निर्माण के बीच में दूसरी किश्त, पूरा होने पर तीसरी किश्त।
  5. निर्माण और निरीक्षण
    • लाभार्थी और स्थानीय अधिकारी मिलकर निर्माण पूरा करते थे।
    • अंतिम निरीक्षण के बाद शेष राशि प्राप्त होती थी।

वर्तमान PMAY‑G आवेदन: Gram Panchayat/DRDA पोर्टल पर ऑनलाइन नामांकन, आधार-DBT लिंक प्राथमिकता, मोबाइल/SMS ट्रैकिंग और हेल्पलाइन के जरिए स्थिति जांच।

दस्तावेज़ सूची

IAY समय और PMAY‑G दोनों में निम्न दस्तावेज सामान्य रूप से चाहिए:

  • पहचान प्रमाण: Aadhaar, वोटर ID, PAN आदि।
  • निवास प्रमाण: राशन कार्ड, बिजली/पानी बिल, आधार में पता।
  • आय प्रमाण: BPL सूची, आय प्रमाण पत्र, स्थानीय तहसील/वॉर्ड अधिकारी सत्यापित।
  • भूमि स्वामित्व: जमीन के कागजात या किराये की स्थिति।
  • बैंक खाता विवरण: पासबुक या बैंक सत्यापन पत्र (IFSC, खाता संख्या) जिसमें DBT लिंक हो सके।
  • पासपोर्ट आकार फोटो और हस्ताक्षर/अंगूठा छाप, जहां ऑफलाइन आवश्यकता हो।
  • अन्य: अनुसूचित जाति/जनजाति प्रमाणपत्र, विकलांगता प्रमाण, विधवा/शहीद परिजन प्रमाण आदि।
  • ऑनलाइन आवेदन में स्कैन-अपलोड क्लियर और नवीनतम होना जरूरी।

लाभ और प्रभाव

  • आवास सुरक्षा: ग्रामीण निर्धन परिवार को स्थायी आवास मिलता था।
  • जीवन स्तर में सुधार: बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक सम्मान।
  • आर्थिक सशक्तिकरण: निर्माण कार्य में स्थानीय मजदूरी, सामग्री खरीद से आर्थिक गतिविधि बढ़ी।
  • महिला सशक्तिकरण: लाभार्थी घर अक्सर महिला नाम पर रहता था, जिससे सुरक्षा और अधिकार बढ़े।
  • सामुदायिक विकास: ग्राम स्तर पर बुनियादी ढांचे में सहयोग, स्वच्छता (शौचालय) बढ़ा।

PMAY‑G में ये लाभ और बढ़े हुए मानदंड, तकनीकी दिशा (इको-फ्रेंडली घर, ऊर्जा बचत) शामिल हैं।

PMAY‑G में स्थानांतरण (Transition Highlights)

  • IAY के अंतर्गत बने घर PMAY‑G में सूचीबद्ध हैं।
  • PMAY‑G में अधिक वित्तीय सहायता, उन्नत तकनीक (Green Homes),ेरीव पर्याप्त सुरक्षा जोड़ी गई है।
  • ऑनलाइन आवेदन, स्वचालित सत्यापन, सहज DBT भुगतान।
  • E‑E‑A‑T दृष्टिकोण से सरकारी पोर्टल (MoRD) और राज्य पोर्टलों से जानकारी उपलब्ध, पारदर्शिता बढ़ी।

आवेदन कैसे करें (PMAY‑G संदर्भ)

  1. आधिकारिक पोर्टल विजिट: PMAY‑G की वेबसाइट (https://pmayg.nic.in) पर जाएं।
  2. लॉगिन/रजिस्टर: आधार और मोबाइल से OTP वेरिफिकेशन।
  3. आवेदन फॉर्म भरें: व्यक्तिगत, आय, भूमि, बैंक खाते की जानकारी दर्ज करें।
  4. दस्तावेज अपलोड: स्कैन किया हुआ पहचान, आय, भूमि आदि दस्तावेज अपलोड करें।
  5. सबमिट और ट्रैकिंग: आवेदन संख्या नोट करें। SMS/ईमेल या पोर्टल पर ट्रैक करें।
  6. सत्यापन और स्वीकृति: Gram Panchayat/DRDA वेरिफाइ करें। मंजूरी मिलते ही DBT के माध्यम से अनुदान जारी।
  7. निर्माण रिपोर्टिंग: निर्माण प्रगति दर्ज करें, फोटो-अपलोड इत्यादि। अंतिम जांच के बाद शेष राशि मिले।

ट्रैकिंग और सहायता

  • ऑनलाइन ट्रैकिंग: PMAY‑G पोर्टल पर Application Status देखें।
  • हेल्पलाइन: Toll-Free नंबर और राज्य ग्रामीण विकास विभाग से संपर्क।
  • स्थानीय अधिकारी: Gram Panchayat/Block Development Office (BDO) में पूछताछ।
  • शिकायत निवारण: Grievance Redressal पोर्टल या helpline के माध्यम से फॉलो-अप।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1: क्या Indira Awas Yojana में अभी आवेदन किया जा सकता है?

A1: सीधे नहीं। IAY 2016 के बाद बंद कर दी गई। अब Pradhan Mantri Awas Yojana Gramin (PMAY‑G) में पात्रता और आवेदन प्रक्रिया होती है। पुराने IAY लाभार्थियों की जानकारी PMAY‑G में शामिल रहती है

Q2: PMAY‑G में आवेदन से पहले क्या जांच करनी चाहिए?

A2: ग्राम पंचायत से BPL सूची, भूमि स्वामित्व और पात्रता मानदंड की पुष्टि करें। आधिकारिक पोर्टल पर सेवाकाल की स्थिति, दस्तावेजों की शुद्धता सुनिश्चित करें।

Q3: वित्तीय सहायता कितनी मिलती है?

A3: क्षेत्र, तकनीक और राज्य के आधार पर भिन्न। सामान्यतः ₹1.2 लाख–₹1.3 लाख तक नई इकाई के लिए, शौचालय आदि के अतिरिक्त स्कीम के तहत राशि मिलती है। नवीनतम दर के लिए PMAY‑G अधिसूचना देखें।

Q4: आवेदन प्रक्रिया में कितना समय लगता है?

A4: सत्यापन और स्वीकृति में कुछ सप्ताह से 2–3 महीने लग सकते हैं। निर्माण पूरा होने और किश्तें मिलने में 6 महीने तक का समय हो सकता है। समय प्रशासनिक प्रक्रिया और क्षेत्रीय दक्षता पर निर्भर करता है।

Q5: क्या महिला नाम पर होना जरूरी है?

A5: PMAY‑G में अक्सर आवेदन महिला नाम पर प्रोत्साहित होता है, ताकि सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हो। पर नियम राज्य-वार बदल सकते हैं। प्रमाणिक नियम Gram Panchayat या पोर्टल से चेक करें।

Q6: भूमि न होने पर क्या विकल्प है?

A6: जमीन न होने पर ग्राम पंचायत की भूमि या सामुदायिक भूमि पर किराये या पट्टा आधारित व्यवस्था संभव हो सकती है। वित्तीय सहायता भूमि किराया आदि में सीमित होती है। स्थानीय अधिकारी से पूछें।

Anurag Maurya

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