PM सूर्योदय योजना 2025 – आवेदन, सब्सिडी व लाभ की सम्पूर्ण जानकारी

By Arun Yadav

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बिजली की पहुँच और ऊर्जा लागत में कटौती देश की ग्रामीण एवं शहरी आबादी के लिए प्राथमिक आवश्यकता है। प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई PM सूर्योदय (PM Surya Ghar: Muft Bijली) योजना का उद्देश्य है घरों पर सोलर रूफटॉप सिस्टम लगाकर प्रत्यक्ष लाभार्थियों को सस्ती (प्रायः मुफ्त या सब्सिडी आधारित) बिजली उपलब्ध कराना। इसके तहत केंद्र सरकार एवं राज्य साझेदारी से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सोलर पैनल इंस्टॉलेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है।

Contents

योजना का अवलोकन और इतिहास

PM Surya Ghar: Muft Bijली की शुरुआत

प्रधानमंत्री मोदी ने 15 फरवरी 2024 को इस पहल की घोषणा की, जिसका उद्देश्य एक करोड़ (1 Crore) घरेलू छतों पर सोलर पैनल सिस्टम लगाकर मुफ्त या सब्सिडी-युक्त बिजली देना है। इसे “PM Surya Ghar” या “PM सूर्योदय योजना” भी कहा जा रहा है। इस योजना से सौर रूफटॉप क्षमता बढ़ाकर देश की ऊर्जा सुरक्षा, पर्यावरण और स्थानीय रोजगार सृजन को बल मिलेगा। (india.gov.in, pib.gov.in)

लक्ष्य एवं आयाम

  • लक्ष्य: मार्च 2027 तक 1 करोड़ घरों पर रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन
  • आउटलाइ (Outlay): लगभग ₹75,021 करोड़ (FY 2024–27 तक)
  • कार्यान्वयन एजेंसियाँ: राष्ट्रीय स्तर पर NPIA (National Programme Implementation Agency) तथा प्रत्येक राज्य में SIA (State Implementation Agency) के माध्यम से क्रियान्वयन।
  • लाभार्थी: मौजूदा रूफटॉप सोलर लाभार्थी नहीं होने वाले घरेलू उपभोक्ता, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र को प्राथमिकता, पर शहरी मध्यम एवं निम्न-मध्यम वर्ग भी शामिल। (india.gov.in)

उपलब्धियाँ (As of Early 2025)

  • मार्च 2025 तक लगभग 10 लाख से अधिक इंस्टॉलेशन पूरे होने की संभावना
  • 3 GW से ऊपर रूफटॉप क्षमता जोड़ी जा चुकी है, लक्ष्य 30 GW+ बढ़ाने का प्रकल्प
  • सोलर मॉड्यूल्स के लिए Aatmanirbhar Bharat: घरेलू विनिर्माण और रोजगार सृजन को बढ़ावा। (pib.gov.in)

पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria)

योजना की पात्रता प्रायः निम्न बिंदुओं पर आधारित है, पर राज्यों में थोड़ा अंतर हो सकता है। आवेदक को आवेदन से पूर्व अपने क्षेत्र की SIA / स्थानीय ऊर्जा विभाग या Solar Rooftop पोर्टल पर स्थिति जांचनी चाहिए।

  1. भारत का स्थाई निवासी होना चाहिए।
  2. घरेलू कनेक्शन वाला विद्युत उपभोक्ता (Rooftop पर इंस्टॉलेशन इसी मीटर से कनेक्ट होगा)।
  3. पहले से रूफटॉप सोलर लाभार्थी नहीं होना चाहिए (कुछ राज्यों में पहले से सब्सिडी-युक्त या बिना सब्सिडी वाला सिस्टम लिए घर को प्राथमिकता नहीं मिलेगी)।
  4. पेटेंट/पर्सनल छत (roof ownership या लीज अधिकार) – आवेदक के नाम पर छत/बिल्डिंग स्वामित्व या अनुमति।
  5. बिजली खपत पैटर्न: कुछ श्रेणी में न्यूनतम मासिक यूनिट खपत हो सकती है ताकि सिस्टम उपयुक्त आकार के लिए पात्र रहे।
  6. बैंक खाता व आधार लिंकिंग: DBT (Direct Benefit Transfer) के लिए बैंक खाते में सब्सिडी सीधे ट्रांसफर की जाएगी।
  7. आय सीमा: योजना में “मध्यम” या “निम्न-मध्यम” आय वर्ग को प्राथमिकता दी जा सकती है; कुछ राज्यों में BPL परिवारों के लिए विशेष ट्रांजेक्शन हो सकते हैं।

नोट: पात्रता की अंतिम पुष्टि आधिकारिक Solar Rooftop पोर्टल (https://solarrooftop.gov.in/) या PM Surya Ghar पोर्टल (https://consumer.pmsuryaghar.gov.in/) पर जाकर स्वयं चेक करें।

सब्सिडी व वित्तपोषण (Subsidy & Financing)

सब्सिडी संरचना

सरकारी सब्सिडी क्षमता (kW) के अनुसार तय होती है और शहरी/ग्रामीण व् राज्य नीति पर निर्भर हो सकती है। आम उदाहरण (केन्द्रीय गाइडलाइन के अनुसार) निम्नलिखित टेबल में दर्शाए गए हैं:

सिस्टम क्षमता (kW)अनुमानित लागत (₹)सब्सिडी राशि (₹)सब्सिडी प्रतिशत (%)शेष राशि (₹) उपयोगकर्ता द्वारा भरा जाएगा
1 kW~₹30,000–40,000₹30,000~60–70%₹0–₹10,000
2 kW~₹60,000–80,000₹60,000~60–70%₹0–₹20,000
3 kW~₹90,000–1,40,000₹78,000~55–60%₹12,000–₹62,000
4 kW और अधिकवैरिएबलराज्य व् कार्यक्रम अनुसारघटती सब्सिडी प्रतिशत (20–40%)बची राशि आवेदक द्वारा या ऋण के माध्यम
  • 1–3 kW तक घरेलू उपभोग के लिए सबसे सामान्य; अधिक क्षमता पर राज्य-विशेष और आर्थिक स्थिति के आधार पर सब्सिडी घट सकती है। (auniv.in)
  • राज्यों में फैसला: ग्रामीण क्षेत्र में सब्सिडी प्रतिशत अधिक हो सकती है।

ऋण विकल्प

  • बैक-बाउंड फाइनेंस: कुछ बैंक या NBFC हिस्सेदारी/ऋण सुविधा: शेष राशि आसान ईएमआई पर।
  • सरकारी बंधुआ ऋण (Soft Loan): लोकल बैंक शाखा से योजना-विशेष लोन, अक्सर 7–9% वार्षिक ब्याज दर।
  • DBT मोड: सब्सिडी सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर, शेष राशि के लिए ऋण स्टेट बैंक या अन्य बैंक से।

नेट–मीटरिंग और क्रेडिट

  • अतिरिक्त ऊर्जा ग्रिड को भेजने (Export) पर नेट–मीटरिंग क्रेडिट मिलता है।
  • नेट–मीटरिंग दर राज्य विद्युत नियामक आयोग (SERC) द्वारा निर्धारित।
  • इससे बिजली बिल में आगे क्रेडिट बचत होती है और ROI (Return on Investment) जल्दी प्राप्त होता है। (cleartax.in)

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तकनीकी आवश्यकताएँ (Technical Requirements)

छत / साइट योग्यता

  • छत प्रकार: फ्लैट टाइल, RCC, टिन शीट, GI शीट, हल्की स्लीटा—सभी इन्स्टॉलेशन संभव पर संरचनात्मक रूप से मजबूत होना चाहिए।
  • रूफ आकार: सिस्टम क्षमता के अनुरूप छत पर जगह; उदाहरण: 1 kW के लिए ~8–10 sqm पर्याप्त; 3 kW के लिए ~25 sqm।
  • साइड शैडिंग: आसपास पेड़ या ऊँची इमारत छाया पैदा न करें।
  • दिशा-झुकाव (Orientation/Tilt): अधिकतम उत्पादन के लिए दक्षिण की ओर झुकाव, पर ईस्ट-वेस्ट भी मान्य।

इंस्टॉलेशन हार्डवेयर

  • सोलर मॉड्यूल: पॉलिक्रिस्टलाइन या मॉनोक्रिस्टलाइन सोलर पैनल (भार, वारंटी ≥25 वर्ष)।
  • इन्वर्टर: ग्रिड-टाई इन्वर्टर (संयुक्त पैनल उत्पादन को AC में बदलकर मीटर से सिंक)।
  • माउंटिंग स्ट्रक्चर: रूफटॉप व् ग्राउंड माउंट के लिए एल्युमिनियम/गैल्वनाइज्ड स्टील रेलिंग व् ब्रैकेट्स।
  • कैबलिंग/बॉक्सेस: DC केबल, Junction Box, Earthing/Lightning Arrestor।
  • मीटरिंग: नेट-मीटरिंग मीटर, डिजिटल मीटर।

इंस्टॉलेशन एजेंसी

  • सर्टिफाइड इंस्टॉलर: राज्य-स्तरीय SIA द्वारा प्रमाणित विक्रेता; सूची Solar Rooftop पोर्टल पर मिलती है।
  • सर्वे और डिज़ाइन: साइट विजिट के बाद छत संरचना, दिशानिर्देश, बिजली खपत के आधार पर सिस्टम साइज़।
  • क्वालिटी चेक: इंस्टॉलेशन पश्चात् commissioning टेस्ट रिपोर्ट, थर्मल चेक, मीटरिंग सेटअप व् दस्तावेजी रिपोर्ट।

आवेदन प्रक्रिया (How to Apply)

ऑनलाइन आवेदन (Solar Rooftop Portal)

  1. Solar Rooftop पोर्टल (https://solarrooftop.gov.in/) पर जाएँ।
  2. रजिस्ट्रेशन / लॉगिन: मोबाइल/ईमेल OTP के माध्यम से पंजीकरण।
  3. प्रॉपर्टी डिटेल्स:
    • पिनकोड, कनेक्शन नंबर, खपत डाटा (पिछले महीने का बिल यूनिट), छत का प्रकार, अनुमानित छत क्षेत्र।
  4. सब्सिडी विकल्प:
    • सिस्टम क्षमता चुनें (1/2/3 kW आदि), सब्सिडी स्लैब के अनुसार पात्रता दिखेगी।
  5. बैंक व् व्यक्तिगत विवरण:
    • आधार लिंक्ड मोबाइल, बैंक खाता विवरण (IFSC, अकाउंट नंबर) सब्सिडी DBT हेतु।
  6. दस्तावेज़ अपलोड:
    • आधार कार्ड, विद्युत कनेक्शन बिल/शिल्ड, इम्प्लांटेशन अनुमति प्रमाण (यदि आवश्यक), roof ownership docs या NOC।
  7. Vendor चयन:
    • प्रमाणित इंस्टॉलर की सूची से चयन या Auto-assignment; कॉन्ट्रैक्ट और पेमेंट सेक्शन।
  8. सबमिट:
    • आवेदन जमा होने के बाद Application ID मिलती है।
  9. साइट विजिट/सर्वे:
    • इंस्टॉलर टीम सर्वे करती है, डिज़ाइन फाइनल, अनुबंध साइन।
  10. इंस्टॉलेशन:
    • सब्सिडी रिलीज़ के पश्चात् इंस्टॉलेशन प्रारंभ।
  11. Commissioning & Net Metering:
    • Commissioning रिपोर्ट तैयार, नेट-मीटरिंग कनेक्शन हेतु Distribution Company से मीटरिंग सेटप।

स्रोत: Solar Rooftop Portal Guidelines; State Implementation Agency Websites। (mnre.gov.in)

PM Surya Ghar पोर्टल (Consumer Login)

  1. Consumer Portal (https://consumer.pmsuryaghar.gov.in/) पर जाएँ।
  2. मोबाइल नंबर OTP सत्यापन।
  3. Vendor Confirmation: ‘Yes’ या ‘No’ विकल्प—यदि आप स्वयं इंस्टॉलर से संपर्क करना चाहते हैं।
  4. Application Tracking: स्थिति (Under Process, Approved, Installed, Commissioned) चेक करें।
  5. Payment Status: DBT ट्रांजैक्शन ट्रैक करें।

ऑफलाइन सहायता

  • ग्रामीण क्षेत्र: Renewable Energy Development Office (REDO), ग्राम पंचायत या ब्लॉक स्तर के कार्यालय में आवेदन में मदद।
  • शहरी: स्थानीय एनर्जी डिपार्टमेंट या बिजली वितरण कंपनी के ऑफिस में सहायता मिलती है।
  • Common Service Centres (CSC): डिजिटल सेवा केंद्र पर आवेदन भरने में सहायक।

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लक्ष्य, उपलब्धियाँ एवं आंकड़े (Targets & Achievements)

  • लक्ष्य: मार्च 2027 तक 1 करोड़ घरेलू इंस्टॉलेशन
  • मध्य 2025 तक: लगभग 10–15 लाख से अधिक इंस्टॉलेशन, 3+ GW क्षमता जुड़ी
  • विस्तार: पूरे देश में ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्र सम्मिलित; NE राज्यों में 90:10 केंद्रीय-राज्य साझेदारी।
  • आर्थिक एवं पर्यावरणीय लाभ:
    • CO₂ उत्सर्जन में कमी: प्रति kW सोलर लगभग 0.8–1 टन CO₂ बचत प्रति वर्ष
    • बिजली बिल बचत: घरों में मासिक 40–80% तक बिजली बिल कटौती
    • ग्रामीण रोजगार: इंस्टॉलेशन, मेंटेनेंस, सप्लाई चेन में स्थानीय श्रम की मांग
  • Domestic manufacturing boost: सोलर मॉड्यूल्स, इन्वर्टर्स का भारत निर्मित प्रोत्साहन (Atmanirbhar Bharat) (pib.gov.in)

चुनौतियाँ और समाधान (Challenges & Mitigation)

  1. सर्टिफाइड इंस्टॉलर की पहुँच कम:
    • समाधान: राज्य-स्तरीय प्रशिक्षण शिविर, अधिक छोटे क्षेत्रीय विक्रेताओं को प्रमाणन देकर पहुँच बढ़ाएं।
  2. नेट-मिटरिंग प्रक्रिया में देरी:
    • समाधान: डिस्कॉम के साथ MoU, ऑनलाइन स्टेशनरी दस्तावेज़, ऑफलाइन verification कम करें।
  3. बैंक ऋण स्वीकृति में जटिलता:
    • समाधान: बैंक शाखा व् NBFC के साथ समन्वय, आसान दस्तावेज़ प्रोटोकॉल, डिजीटल लोन प्रोसैसिंग।
  4. सामग्री गुणवत्ता सुनिश्चित करना:
    • समाधान: BIS मानक सोलर मॉड्यूल व इन्वर्टर, Quality Checks, Warranty Clauses।
  5. ग्रामीण नेटवर्क व् बिजली कनेक्शन में अनियमितता:
    • समाधान: Hybrid सिस्टम (Solar+Battery) विकल्प; Off-grid pilots; ग्रिड सुधार योजनाओं से सहयोग।
  6. जन जागरूकता कम:
    • समाधान: Gram Sabhas, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, local influencers द्वारा प्रचार; success stories साझा करना।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

1. क्या PM सूर्योदय योजना में हर घर आवेदन कर सकता है?

शर्तें: पहले से रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन न हुआ हो। उपभोक्ता कनेक्शन और roof ownership/permission होना चाहिए। ग्रामीण व शहरी दोनों पात्र हो सकते हैं।

2. इंस्टॉलेशन के बाद नेट मीटरिंग कैसे काम करेगी?

अतिरिक्त उत्पादन ग्रिड को भेजा जाएगा और बिल क्रेडिट मिलेगा। Distribution Company द्वारा नेट-मीटरिंग कनेक्शन सेटअप किया जाता है।

3. आवेदन प्रक्रिया में कितना समय लगता है?

ऑनलाइन आवेदन से सर्वे, इंस्टॉलेशन तक 1–3 महीने तक का समय लग सकता है (क्षेत्र, इंस्टॉलर उपलब्धता व प्रशासनिक प्रक्रियाओं पर निर्भर)।

4. कोई maintenance शुल्क देना होगा?

वार्षिक या द्विवार्षिक सर्विस कॉन्ट्रैक्ट की आवश्यकता हो सकती है (सफाई, प्रदर्शन मॉनिटरिंग) पर सरकारी इंस्टॉलेशन पर भी minimal रख-रखाव खर्च रहता है।

5. अगर घर निर्माण या स्थान परिवर्तन हो गया तो क्या सब्सिडी लौटानी होगी?

अनुबंध व नियमों के अनुसार, किसी विशेष शर्तें हो सकती हैं। आमतौर पर इंस्टॉलेशन स्थिर रहती है; यदि कनेक्शन या roof बदलना हो, तो संबंधित SIA/डिस्कॉम से समन्वय करें।

Arun Yadav

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