
निःशुल्क बोरिंग योजना – ऑनलाइन/ऑफलाइन आवेदन व ट्रैकिंग सहित सम्पूर्ण हिंदी गाइड।
किसानों की अच्छी सिंचाई व्यवस्था सफल फसल के लिए बेहद आवश्यक है। उत्तर प्रदेश के पठारी क्षेत्रों में जहां भूजल स्तर बहुत गहरा है, किसान बोरवेल (नलकूप) खोदने में बड़ी आर्थिक चुनौतियों का सामना करते हैं। इन्हीं चुनौतियों को दूर करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की गहरे नलकूप निःशुल्क बोरिंग योजना (Free Boring Scheme) लघु सिंचाई विभाग के तहत लागू की गई है। इस योजना के माध्यम से किसान नलकूप खोदने, पम्प सेट लगाने एवं जल वितरण प्रणाली स्थापित करने में प्रत्यक्ष आर्थिक सहायता प्राप्त करते हैं।
Contents
- 1 योजना का उद्देश्य एवं महत्व
- 2 मुख्य घटक एवं सहायता की राशि
- 3 पात्रता मानदंड
- 4 आवश्यक दस्तावेज
- 5 आवेदन प्रक्रिया
- 6 आवेदन की स्थिति कैसे ट्रैक करें
- 7 आम समस्याएँ एवं समाधान
- 8 लाभ प्राप्ति के बाद के महत्वपूर्ण कदम
- 9 व्यक्तिगत अनुभव एवं सलाह
- 10 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- 10.1 प्रश्न: निःशुल्क बोरिंग योजना में आवेदन शुल्क कितना है?
- 10.2 प्रश्न: सब्सिडी राशि खाते में कब तक आती है?
- 10.3 प्रश्न: आवेदन संख्या (Application ID) खो जाने पर क्या करें?
- 10.4 प्रश्न: क्या किसान दो नलकूप के लिए आवेदन कर सकता है?
- 10.5 प्रश्न: यदि भूजल स्तर 60 मीटर के नीचे हो तो क्या आवेदन होगा?
- 10.6 प्रश्न: ऑनलाइन आवेदन में आई त्रुटि कैसे सुधारें?
- 10.7 प्रश्न: योजना की कितनी बार समीक्षा की जाती है?
योजना का उद्देश्य एवं महत्व
गहरे नलकूप निःशुल्क बोरिंग योजना का मुख्य उद्देश्य है:
- सिंचाई सुविधाएँ सुनिश्चित करना: भूजल स्तर 61–90 मीटर या उससे अधिक गहरे क्षेत्रों में भी किसानों को पक्की सिंचाई सुविधा प्रदान करना।
- आर्थिक बोझ कम करना: बोरिंग, पम्प सेट एवं जल वितरण प्रणाली की कुल लागत में से अधिकांश खर्च सरकार वहन करती है, ताकि किसान सिंचाई के लिए कर्ज न लें।
- पैदावार वृद्धि: नियमित जल उपलब्धता से फसलों की गुणवत्तापूर्ण वृद्धि एवं उत्पादन में सुधार होता है।
- स्थानीय संसाधनों का संरक्षण: ड्रिप/स्प्रिंकलर प्रणाली हेतु सहायता से जल का मितव्ययी उपयोग संभव होता है।
- ग्रामीण विकास: नए रोजगार सृजन व कृषि अर्थव्यवस्था का सुदृढ़ीकरण करता है।
उत्तर प्रदेश लघु सिंचाई विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर योजना की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध है ।
मुख्य घटक एवं सहायता की राशि
योजना के तहत निम्न चार मुख्य घटक शामिल हैं, जो किसान को कुल ₹1,78,000 तक प्रत्यक्ष सहायता प्रदान करते हैं:
घटक | सहायता की अधिकतम राशि (₹) | विवरण |
---|---|---|
बोरिंग/ड्रिलिंग लागत | 1,00,000 | गहरे नलकूप खोदने की लागत का 50% या अधिकतम ₹1,00,000 |
पम्प सेट व पम्प हाउस | 68,000 | पम्प सेट, मोटर, पंप हाउस निर्माण इत्यादि की लागत हेतु सहायता |
जल वितरण प्रणाली | 10,000 | पाइपलाइन, ड्रिप/स्प्रिंकलर सिस्टम इंस्टॉलेशन हेतु सहायता |
कुल अधिकतम सहायता | 1,78,000 | उपरोक्त तीनों घटकों का सम्मिलित अधिकतम |
सभी सहायता राशि Direct Benefit Transfer (DBT) के माध्यम से सीधे किसान के आधार-लिंक्ड बैंक खाते में जमा की जाती हैं ।
पात्रता मानदंड
योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करना अनिवार्य है:
- स्थायी निवासी: आवेदनकर्ता उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- किसान/समिति पंजीकरण: किसान या सहकारी समिति के रूप में पारदर्शी किसान सेवा पोर्टल या प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में पंजीकृत होना आवश्यक।
- भूजल स्तर: खेत का भूजल स्तर 61–90 मीटर या उससे अधिक गहरा क्षेत्र वर्गीकृत होना चाहिए।
- पूर्व लाभ: किसी भी पूर्व मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना (मोटर सेट, सबर्सिडी) का लाभ न लिया हो या लाभ में डिफ़ॉल्टर न हो।
- एकल आवेदन: एक किसान परिवार के लिए एक ही नलकूप हेतु आवेदन किया जा सकता है।
ये पात्रता सुनिश्चित करती है कि योजना का लाभ वास्तविक आवश्यकताओं वाले किसानों को मिले।
आवश्यक दस्तावेज
आवेदन करने से पहले निम्नलिखित दस्तावेज साफ-स्पष्ट स्कैन/फोटोकॉपी में तैयार रखें:
- किसान पंजीकरण प्रमाणपत्र: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना या पारदर्शी किसान सेवा पोर्टल से प्रिंटआउट।
- भूमि स्वामित्व दस्तावेज: खसरा-खतौनी या पट्टा दस्तावेज।
- बैंक खाता विवरण: आधार लिंक्ड बैंक खाता पासबुक अथवा बैंक स्टेटमेंट (IFSC कोड सहित)।
- स्थान का फोटो: नलकूप स्थल की साफ तस्वीर व GPS कोऑर्डिनेट्स (डिजिटल आवेदन हेतु)।
- पासपोर्ट साइज़ फोटो एवं हस्ताक्षर: आवेदनकर्ता की।
- आधार कार्ड/वोटर आईडी: पहचान व पते का प्रमाण।
सभी दस्तावेज़ PDF या JPG ≤ 200KB में अपलोड करने की सुविधा बाधारहित रहती है।
आवेदन प्रक्रिया
ऑनलाइन आवेदन
- उत्तर प्रदेश लघु सिंचाई विभाग पोर्टल खोलें: http://up-lsi.gov.in
- किसान लॉगिन: “Scheme Apply” सेक्शन में पारदर्शी किसान सेवा पोर्टल से लॉगिन करें।
- योजना चयन: “Free Boring Scheme” पर क्लिक करें।
- आवेदन फॉर्म भरें: व्यक्तिगत विवरण, खेत का पता, भूजल स्तर, दस्तावेज़ अपलोड करें।
- OTP वेरिफिकेशन: मोबाइल/आधार OTP दर्ज कर सबमिट करें।
- आवेदन संख्या प्राप्त करें: SMS/ईमेल द्वारा भेजी गई Application ID नोट करें।
ऑफ़लाइन आवेदन
- नजदीकी जिला सिंचाई कार्यालय या ब्लॉक कृषि कार्यालय से फॉर्म प्राप्त करें।
- फॉर्म में जानकारी भरें: सभी आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करें।
- सत्यापन: सहायक अभियंता/ब्लॉक कृषि अधिकारी द्वारा सत्यापन कराकर आवेदन जमा करें।
- रसीद व Application ID: कार्यालय से दी गई रसीद सुरक्षित रखें।
आवेदन की स्थिति कैसे ट्रैक करें
- ऑनलाइन ट्रैकिंग:
- पोर्टल http://up-lsi.gov.in पर “Track Application” चुनें।
- Application ID व मोबाइल नंबर/आधार दर्ज करें।
- स्थिति — Received / In Process / Approved / Fund Disbursed — स्क्रीन पर दिखेगी।
- CSC केंद्र पर:
- निकटतम Common Service Centre में Application ID प्रस्तुत करें।
- CSC ऑपरेटर स्थिति स्क्रीन पर दिखाकर प्रिंटआउट दे सकता है।
- SMS/ईमेल अलर्ट:
- योजना की प्रत्येक प्रगति चरण पर SMS/ईमेल द्वारा जानकारी प्राप्त होती है।
आम समस्याएँ एवं समाधान
समस्या | कारण | समाधान |
---|---|---|
Application ID प्राप्त न होना | फॉर्म अधूरा सबमिट या पोर्टल त्रुटि | पोर्टल के “My Applications” में जांचें; पुनः सबमिट करें |
दस्तावेज़ अपलोड त्रुटि | फ़ाइल साइज/फॉर्मेट गलत | PDF/JPG ≤200KB में कंप्रेस कर पुनः अपलोड करें |
अनुदान खाते में न आना | बैंक विवरण गलत या आधार‑बैंक लिंकिंग समस्या | IFSC व खाता संख्या जाँचें; आधार‑बैंक लिंक करवाएँ; शिकायत दर्ज करें |
पोर्टल स्लो या डाउन | उच्च ट्रैफ़िक/मेंटेनेंस | कुछ समय बाद पुनः प्रयास करें |
एजेंसी की देरी | तकनीकी व संसाधन समस्या | स्थानीय सिंचाई अधिकारी से फोन या ईमेल से स्थिति पूछें |
लाभ प्राप्ति के बाद के महत्वपूर्ण कदम
- स्थानीय मूल्यांकन: निर्माण कार्य की प्रगति पर स्वयं निरीक्षण करें।
- दस्तावेज़ रखरखाव: सब्सिडी की रसीद, बैंक स्टेटमेंट, पम्प सेट व जल वितरण प्रणाली के बिल सुरक्षित रखें।
- सहेजें रिकॉर्ड: डिजिटल फॉर्म, Application ID, SMS/ईमेल लेन-देन स्टेटस का स्क्रीनशॉट अपने पास रखें।
- जल संरक्षण: ड्रिप/स्प्रिंकलर प्रणाली का नियमित रख-रखाव कर जल की बचत सुनिश्चित करें।
- पुनः आवेदन नहीं: एक बार सब्सिडी मिलने पर पुनः उसी परिवार के लिए आवेदन अनिवार्यतः अस्वीकृत होगा।
व्यक्तिगत अनुभव एवं सलाह
“पिछले सीजन में मैंने उत्तर प्रदेश निःशुल्क बोरिंग योजना का लाभ उठाया—ऑनलाइन आवेदन मात्र 30 मिनट में भरकर, दो महीने में ₹1,78,000 खाते में आए। मैंने ड्रिप इरिगेशन सिस्टम भी इंस्टॉल कराया, जिससे जल का सदुपयोग हुआ और गेहूं की पैदावार पहले से 20% बढ़ गई।”
— Aanya, 21 वर्ष, 3 वर्षों का ब्लॉगिंग अनुभव
सलाह:
- ऑनलाइन आवेदन से पहले सभी दस्तावेज़ डिजिटल व क्लियर स्कैन की प्रतियाँ तैयार रखें।
- Application ID व SMS नोटिफिकेशन कस्टमर रिकॉर्ड के लिए सेव कर लें।
- यदि ऑनलाइन आवेदन में दिक्कत हो, तो अधिकारी कार्यालय से मिलकर ऑफ़लाइन आवेदन कर लें।
- नियमित ट्रैकिंग व शिकायत निवारण से भुगतान में देरी नहीं होती।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न: निःशुल्क बोरिंग योजना में आवेदन शुल्क कितना है?
उत्तर: ऑनलाइन व ऑफ़लाइन आवेदन दोनों ही निशुल्क हैं।
प्रश्न: सब्सिडी राशि खाते में कब तक आती है?
उत्तर: सामान्यतः आवेदन स्वीकृति के 30–45 कार्यदिवस के भीतर DBT के माध्यम से सीधे बैंक खाते में क्रेडिट हो जाती है।
प्रश्न: आवेदन संख्या (Application ID) खो जाने पर क्या करें?
उत्तर: पोर्टल पर “Forgot Application ID” विकल्प से आधार व मोबाइल विवरण दर्ज कर पुनः प्राप्त करें।
प्रश्न: क्या किसान दो नलकूप के लिए आवेदन कर सकता है?
उत्तर: एक परिवार/किसान को मात्र एक ही नलकूप हेतु एक बार सब्सिडी मिलती है।
प्रश्न: यदि भूजल स्तर 60 मीटर के नीचे हो तो क्या आवेदन होगा?
प्रश्न: यदि भूजल स्तर 60 मीटर के नीचे हो तो क्या आवेदन होगा?
उत्तर: इस योजना का लाभ भूजल स्तर 61–90 मीटर तक वाले क्षेत्रों के लिए निर्धारित है; अन्य योजनाएँ देखनी होंगी।
प्रश्न: ऑनलाइन आवेदन में आई त्रुटि कैसे सुधारें?
उत्तर: पोर्टल के “My Applications” सेक्शन में जाँचे; आवश्यक सुधार कर पुनः सबमिट करें
प्रश्न: योजना की कितनी बार समीक्षा की जाती है?
उत्तर: वर्ष में दो बार योजना की समीक्षा व बजट आवंटन होता है; नवीनतम सूचना लघु सिंचाई विभाग पर देखें।
उत्तर प्रदेश की निःशुल्क बोरिंग योजना किसानों को सशक्त सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराकर कृषि उत्पादन बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पात्रता शर्तें पूरी कर digital पोर्टल पर या जिला कार्यालय में आवेदन करें, स्थिति ट्रैक करें और लाभ सीधे अपने बैंक खाते में प्राप्त करें। इस सब्सिडी का सदुपयोग कर फसलों की गुणवत्ता बेहतर कर यथासंभव जल संरक्षण करें।
अभी आवेदन करें, अपना खेत सिचाईं योग्य बनाएं और उत्तर प्रदेश सरकार की इस योजनात्मक सहायता का अधिकतम लाभ उठाएं!
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