
मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना 2025 – झारखंड के किसानों के लिए ₹3,500 तक की आर्थिक सहायता
बढ़ती अनियमित वर्षा और सूखे की मार झारखंड के कृषि क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित कर चुकी है। ऐसे में सूखाग्रस्त जिलों के किसान फसल नुक्सान के बाद अक्सर कर्ज के बोझ तले दब जाते हैं। इन चुनौतियों से निजात दिलाने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार ने मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना (Mukhyamantri Sukhar Rahat Yojana) शुरू की है। इस योजना के तहत खराब हुई फसल के प्रत्येक हेक्टेयर पर ₹3,500 तक की आर्थिक सहायता प्रत्यक्ष लाभार्थी के बैंक खाते में पहुँचाई जाती है।
“झारखंड सुखाड़ राहत योजना’ के तहत अब तक 30 लाख से अधिक किसान परिजनों को राहत राशि प्रदान की जा चुकी है”—झारखंड कृषि मंत्री।
Contents
- 1 योजना का उद्देश्य एवं महत्व
- 2 योजना का कवरेज
- 3 पात्रता एवं राशि वितरण
- 4 आवश्यक दस्तावेज
- 5 ऑनलाइन आवेदन एवं रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
- 6 आवेदन की स्थिति कैसे ट्रैक करें
- 7 आम समस्याएँ एवं समाधान
- 8 पंजीकरण के बाद के महत्वपूर्ण कदम
- 9 व्यक्तिगत अनुभव एवं सलाह
- 10 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- 10.1 सुखाड़ राहत राशि कितने दिन में खाते में आती है?
- 10.2 ₹3,500 प्रति हेक्टेयर के अलावा अन्य सहायता मिलेगी?
- 10.3 फसल क्षति प्रतिशत कैसे दिखाएँ?
- 10.4 अगर आवेदन में गलती हो जाए, तो कैसे सुधारें?
- 10.5 रकम नहीं मिली तो किस पर शिकायत करें?
- 10.6 यदि बैंक खाता अपडेट नहीं है तो?
- 10.7 कौन से प्रखंड सूखाग्रस्त घोषित हैं?
योजना का उद्देश्य एवं महत्व
- आर्थिक सहायता: सूखाग्रस्त क्षेत्रों के किसानों को नकद मदद से कर्ज के बोझ से राहत देना।
- फसल संरक्षण: फसल क्षति के बाद कृषि आय बनाए रखने में सहयोग करना।
- किसान कल्याण: आत्महत्या जैसी दुर्भाग्यजनक घटनाओं को रोकने में योगदान।
- राज्य का दायित्व: सूखे की मार झेल रहे किसान भाई-बहनों को समय पर सरकार द्वारा सहायता।
योजना का कवरेज
- प्रभावित जिले: वर्ष 2025 में 22 जिलों के 226 प्रखंड सूखाग्रस्त घोषित।
- लाभार्थी संख्या: लगभग 30 लाख से अधिक किसान परिवार।
- राहत राशि: प्रत्येक हेक्टेयर पड़ी फसल क्षति पर ₹3,500
- वित्त वर्ष: 2022–23, 2023–24 तथा 2024–25 के सूखाग्रस्त प्रखंडों में लागू।
पात्रता एवं राशि वितरण
पात्रता मानदंड
- आवेदक झारखंड का स्थायी निवासी होना चाहिए।
- किसान का नाम झारखंड राज्य फसल राहत पोर्टल (JRFRY) पर पंजीकृत होना अनिवार्य।
- 33% से अधिक फसल नष्ट हुई हो—फिजिकल सत्यापन के बाद पुष्टि।
- किसान परिवार में सदस्य की संख्या के आधार पर परिधि तय होती है; प्रति हेक्टेयर ₹3,500।
राहत राशि
- ₹3,500 प्रति हेक्टेयर (FY 2025)
- सर्वर सत्यापन के पश्चात Direct Benefit Transfer (DBT) माध्यम से बैंक खाते में क्रेडिट।
आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड: आवेदक का आधार नंबर एवं बायोमेट्रिक सत्यापन।
- किसान आईडी / राशन कार्ड / SECC-2011 रिकॉर्ड: आवासीय व सामाजिक-आर्थिक जानकारी।
- खसरा-खतौनी / भूमि स्वामित्व प्रमाण: खेत का खाता संख्या, हेक्टेयर क्षेत्रफल।
- बैंक पासबुक (प्रथम पृष्ठ): IFSC सहित आधार लिंक्ड बैंक खाता विवरण।
- मोबाइल नंबर: OTP वेरिफिकेशन हेतु।
सभी दस्तावेज़ PDF/JPG (≤200 KB) में अपलोड करना सुनिश्चित करें।
ऑनलाइन आवेदन एवं रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया
आधिकारिक पोर्टल : click here
नया पंजीकरण
- पोर्टल पर “Registration” (पंजीकरण) लिंक पर क्लिक करें।
- आधार नंबर दर्ज कर बायोमेट्रिक/OTP सत्यापित करें।
- आवश्यक व्यक्तिगत व जमीन संबंधी जानकारी भरें।
- दस्तावेज अपलोड करें—आधार, भूमि प्रमाण, बैंक पासबुक।
- Submit बटन दबाते ही Application ID प्राप्त होती है—इसे सुरक्षित रखें।
पुनः लॉगिन एवं आवेदन पूरा करना
- पोर्टल के “Login” पेज पर जाएँ।
- Application ID व आधार/Otp से लॉगिन करें।
- फसल राहत हेतु फॉर्म भरें—फसल प्रकार, फसल क्षति % इत्यादि।
- आवश्यकता अनुसार फोटो या वीडियो अपलोड करें (खेत की स्थिति दिखाने के लिए)।
- पुनः Submit पर क्लिक करें—ऑनलाइन आवेदन पूरा हो जाएगा।
आवेदन की स्थिति कैसे ट्रैक करें
- पोर्टल पर “Only Pavati” या “View Application Status” लिंक पर जाएँ (jrfry.jharkhand.gov.in)।
- Application ID व मोबाइल नंबर दर्ज कर स्थिति देखें।
- स्टेटस: Registered / Under Inspection / Approved / Disbursed।
- SMS/ईमेल अलर्ट द्वारा भी प्रगति की जानकारी मिलती रहती है।
आम समस्याएँ एवं समाधान
समस्या | कारण | समाधान |
---|---|---|
पंजीकरण OTP नहीं प्राप्त होता | मोबाइल नंबर लिंकिंग या नेटवर्क समस्या | आधार–मोबाइल लिंक सुनिश्चित करें; नेटवर्क चेक कर पुनः OTP रिक्वेस्ट करें |
दस्तावेज अपलोड विफल | फ़ाइल साइज या फॉर्मेट असमर्थित | PDF/JPG ≤200 KB में कंप्रेस कर अपलोड करें |
खेत सत्यापन लंबित रहता है | भौतिक सत्यापन टीम का देरी से पहुंचना | जिला कृषि कार्यालय से संपर्क कर अनुरोध करें |
राहत राशि खाते में नहीं आई | बैंक खाते में आधार लिंकिंग समस्या या गलत IFSC/खाता | बैंक शाखा जाकर आधार–बैंक लिंकिंग व IFSC/खाता विवरण वेरिफाई करवाएँ |
पोर्टल धीमा/डाउन | उच्च ट्रैफ़िक या मेंटेनेंस | कुछ समय बाद पुनः प्रयास करें |
पंजीकरण के बाद के महत्वपूर्ण कदम
- Application ID सुरक्षित रखें—ट्रैकिंग व शिकायत हेतु जरूरी होती है।
- दस्तावेज़ अप्रूवल नोटिफिकेशन मिलते ही बैंक खाते की पुष्टि करें।
- DBT क्रेडिट नोटिफिकेशन पर बैंक स्टेटमेंट चेक करें।
- यदि physical सत्यापन लंबित है, तो जिला कृषि कार्यालय जाएँ और सहायता लें।
- Grievance दर्ज कराने हेतु पोर्टल के Grievance सेक्शन या किसान कॉल सेंटर 1800-123-1136 पर संपर्क करें।
व्यक्तिगत अनुभव एवं सलाह
“मेरा नाम डॉ. पीयूष सिंह है, मैं हज़ारीबाग का किसान हूँ। इस साल बारिश नहीं हुई और मेरी धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। मैंने तुरंत jrfry.jharkhand.gov.in पर पंजीकरण कराया—OTP वेरिफाई कर के 10 दिन में ₹3,500/हेक्टेयर मेरे खाते में आए। इस राशि से मैंने बीज व खाद खरीदे और अगले सीजन की तैयारी कर रहा हूँ।”
— डॉ. पीयूष सिंह, हज़ारीबाग, झारखंड
सलाह:
- सबसे पहले सूखाग्रस्त घोषित प्रखंड की सूची चेक कर लें।
- मोबाइल/आधार पहले से लिंक कर वेरिफाई रखें।
- फसल क्षति का फोटो/वीडियो साफ लें—सत्यापन में मददगार रहता है।
- फिजिकल सत्यापन लंबित हो तो जिला कृषि कार्यालय का वरीय संपर्क करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
सुखाड़ राहत राशि कितने दिन में खाते में आती है?
आमतौर पर आवेदन स्वीकृति के 15–20 कार्यदिवस में DBT के माध्यम से।
₹3,500 प्रति हेक्टेयर के अलावा अन्य सहायता मिलेगी?
नहीं, इस योजना में सिर्फ ₹3,500/हेक्टेयर की नकद सहायता ही है।
फसल क्षति प्रतिशत कैसे दिखाएँ?
पोर्टल पर दिए गए फ़ार्म भरते समय—घटित क्षेत्र का फोटो/वीडियो अपलोड करें।
अगर आवेदन में गलती हो जाए, तो कैसे सुधारें?
पोर्टल के “Modification” सेक्शन में लॉगिन कर सुधार कर पुनः सबमिट करें।
रकम नहीं मिली तो किस पर शिकायत करें?
किसान कॉल सेंटर: 1800-123-1136 या पोर्टल पर Grievance दर्ज करें।
यदि बैंक खाता अपडेट नहीं है तो?
आधार से लिंक्ड बैंक खाते के लिए नजदीकी बैंक शाखा में जाएँ और E‑KYC करवाएँ।
कौन से प्रखंड सूखाग्रस्त घोषित हैं?
पोर्टल के “View Statistical” सेक्शन में सूखाग्रस्त प्रखंडों की सूची देखी जा सकती है।
झारखंड की मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना ने सूखाग्रस्त किसानों को समय पर आर्थिक सहायता देकर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भरोसा जगाया है। पात्रता शर्तें पूरी कर आज ही जिला राज्य फसल राहत पोर्टल पर पंजीकरण करें, अपने आवेदन की स्थिति ट्रैक करें और ₹3,500/हेक्टेयर की मदद पा कर अगली फसल की तैयारी करें।
अभी jrfry.jharkhand.gov.in पर जाएँ, आवेदन करें और मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना का लाभ उठाकर अपनी कृषि यात्रा को मजबूत बनाएं!