
अब बाढ़ आने से पहले ही पता चल जाएगा: सरकार ने शुरू की अर्बन फ्लड मैनेजमेंट सेल एवं अर्ली वार्निंग सिस्टम
तेजी से बदलते मौसम और वार्षिक बारिश की तीव्रता के कारण शहरों में बाढ़ का खतरा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर पर दबाव कम करने तथा जनजीवन को सुरक्षित बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में अर्बन फ्लड मैनेजमेंट सेल और अर्ली वार्निंग सिस्टम (Early Warning System) की शुरुआत की है। इस पहल से तकनीकी सेंसर और रीयल-टाइम डेटा के माध्यम से बाढ़ की चेतावनी 6–12 घंटे पहले ही मिल जाएगी, जिससे बचाव-कार्य तेज़ी से शुरू हो सकेंगे।
Contents
अर्बन फ्लड मैनेजमेंट सेल क्या है?
- समन्वित कंट्रोल रूम
- 24×7 मॉनिटरिंग और इमरजेंसी रिस्पॉन्स का हब
- डाटा एनालिसिस
- शहर के नालों, ड्रेनेज सिस्टम व रिवर्सल पाइपलाइनों से लगातार मिली जानकारी
- संकट प्रबंधन
- जलस्तर का विश्लेषण, इलाका-वार अलर्ट और इमरजेंसी प्रोटोकॉल
- बातचीत एवं सहयोग
- नगर निगम, UP SDMA, स्वास्थ्य, पुलिस और अग्निशमन विभाग के साथ त्वरित समन्वय
आधिकारिक स्रोत: UP SDMA
अर्ली वार्निंग सिस्टम कैसे काम करेगा?
- जलस्तर सेंसर
- प्रमुख नालों, नहरों और नदी किनारों पर ऑटोमेटेड सेंसर लगाए गए हैं।
- रीयल-टाइम डेटा फीड
- सेंसर से हर 10 मिनट में डेटा FLOOD MANAGEMENT INFORMATION SYSTEM CENTRE (FMISC) को भेजा जाता है।
- सीमा से ऊपर चेतावनी
- यदि जलस्तर पूर्वनिर्धारित ‘अलर्ट लेवल’ से ऊपर जाता है, तो सिस्टम तुरंत SMS, मोबाइल ऐप नोटिफिकेशन एवं सार्वजनिक स्पीकर अलर्ट जारी करता है।
- जीआईएस-आधारित मैपिंग
- बाढ़ संभावित जोन और इमरजेंसी रूट्स का डिजिटल मैप, जिसे कंट्रोल रूम व मोबाइल ऐप दोनों पर देखा जा सकता है।
लाभकारी सुविधाएँ
- समय पर अलर्ट
- बाढ़ आने से पहले त्वरित चेतावनी मिलने पर बचाव-कार्य प्रारंभ किया जा सकता है।
- कार्यात्मक समन्वय
- इमरजेंसी सेवाओं, अग्निशमन, स्वास्थ्य व पुलिस विभागों को ऑटोमेटेड अलर्ट।
- जनहित सूचना
- स्थानीय रेडियो स्टेशन, मोबाइल ऐप (CAP-based SACHET) और सार्वजनिक स्पीकर पर संदेश।
- आर्थिक बचत
- इन्फ्रास्ट्रक्चर (सड़क, पुल, पावर ग्रिड) की रखरखाव लागत कम होती है।
- नागरिक सुरक्षा
- शेल्टर हाउस, राहत शिविर व चिकित्सा सुविधाओं का त्वरित उद्घाटन।
कैसे चेक करें बाढ़ की “स्थिति”
FMISC पोर्टल पर
- https://fmisc.up.gov.in/ पर जाएँ
- “Flood Alerts” सेक्शन खोलें
- अपना जिला/नगरीय क्षेत्र चुनें
- जलस्तर की स्थिति (रवानी, अलर्ट, खतरनाक) स्क्रीन पर देखें
UP SDMA पोर्टल पर
- https://upsdma.up.nic.in/ पर लॉगिन करें
- “Urban Flood Action Plan” मेन्यू पर क्लिक करें
- अपने शहर की मौजूदा स्थिति और रेस्पॉन्स कार्रवाई देखें
समस्या आने पर समाधान
- डेटा न अपडेट होना
- ब्राउज़र कैश/कुकीज़ क्लियर करके पुनः प्रयास करें।
- मोबाइल ऐप नोटिफिकेशन नहीं आना
- CAP-based SACHET ऐप सेटिंग्स में स्पैम/नोटिफिकेशन चेक करें।
- FMISC पोर्टल स्लो/डाउन
- ट्रैफिक कम समय (रात 12–3 बजे) में देखें।
- स्थानीय संपर्क
- नगर निगम इमरजेंसी डेस्क: 1077 या UP SDMA हेल्पलाइन: 1800-1800-1024।
व्यक्तिगत अनुभव एवं सलाह
“वाराणसी में पिछले साल भारी मानसून के दौरान FMISC ने अलर्ट भेजा—6 घंटे पहले ही पानी का तेज प्रवाह चेताया गया। हमने मजदूरों को अलर्ट करने में कामयाबी पाई और कई परिवार सुरक्षित चढ़ाई पर स्थानांतरित हो गए।”
— अमित त्रिपाठी, वाराणसी नगरपालिका कार्यकर्ता
सलाह:
- FMISC वेबसाइट व CAP-based SACHET ऐप को नियमित-आधार पर चेक करें।
- अपने मोहल्ले/वार्ड के कंट्रोल रूम नंबर सेव कर रखें।
- आपदा किट (दवाइयाँ, सूखा खाना, फर्स्ट-एड) तैयार रखें।
F&Q
प्रश्न: मेरा जिला FMISC पर दिखाई नहीं देता—क्या करूँ?
डीएम/नगर निगम मुख्यालय में FMISC डेटा इंटीग्रेशन की स्थिति पूछें। यदि बाकी सेंसर इंस्टॉलेशन लंबित हो, तो वहां की जानकारी प्राप्त करें।
प्रश्न: अलर्ट आने के बाद किन आपदा शेल्टर हाउस तक पहुंचूं?
FMISC पोर्टल के “Shelter Locations” सेक्शन में अपने वार्ड के निकटतम शेल्टर हाउस की सूची मिलेगी।
प्रश्न: CAP-based SACHET ऐप कैसे इंस्टॉल करूँ?
Google Play Store/App Store में “CAP-based SACHET” सर्च करके डाउनलोड करें, फिर नगर निगम के यूजरनेम से रजिस्ट्रेशन करें।
प्रश्न: पानी कम होने पर “स्थिति” कब अद्यतन होती है?
सेंसर से डेटा हर 10 मिनट में भेजा जाता है; साइट के रीस्पॉन्स टाइम के अनुसार 15–20 मिनट में स्थिति अपडेट हो जाएगी।
अब अर्बन फ्लड मैनेजमेंट सेल और अर्ली वार्निंग सिस्टम के साथ शहरों में बाढ़ की स्थिति पर पूर्वानुमान और प्रतिक्रिया दोनों ही पहले से कहीं अधिक प्रभावी बन गए हैं। FMISC और UP SDMA के आधिकारिक पोर्टल से समय रहते जानकारी लेकर आपदा-पूर्व तैयारियाँ कर अपने परिवार व समुदाय को सुरक्षित रख सकते हैं।
अभी FMISC (https://fmisc.up.gov.in/) और UP SDMA पोर्टल पर जाकर अपनी “स्थिति” देखिए और बाढ़ से पहले तैयारियाँ शुरू कीजिए!