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उत्तर प्रदेश में आउटसोर्स सेवा निगम का गठन
उत्तर प्रदेश सरकार ने लगभग ८.३० लाख आउटसोर्स (संविदा आधारित) कर्मचारियों की भर्ती, वेतन-भुगतान, और अन्य सेवाओं को पारदर्शी तथा व्यवस्थित करने के लिए एक आउटसोर्स सेवा निगम (Outsource Seva Nigam) के गठन का निर्णय लिया है। यह कदम संविदा कर्मचारियों के हक-हितों की सुरक्षा, भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्षता और सरकारी खर्च में इजाफा रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है।
Contents
क्यों आवश्यक है आउटसोर्स सेवा निगम?
- पारदर्शिता और निष्पक्षता:
वर्तमान में संविदा कर्मचारियों की भर्ती विभिन्न एजेंसियों द्वारा की जाती है, जिससे घपले-घोटाले और अनियमितताएँ बढ़ जाती हैं। निगम के गठन से भर्ती प्रक्रिया केंद्रीकृत होकर निष्पक्ष होगी। - लागत नियंत्रण:
अब तक सरकार को सेवाएँ दिलाने के लिए एजेंसियों को लगभग २२% अतिरिक्त राशि खर्च करनी पड़ती थी। निगम के माध्यम से यह खर्च घटेगा। - समय पर वेतन और लाभ:
संविदा कर्मचारियों को वेतन, पीएफ (Provident Fund), ई.एस.आई. (ESI) और अन्य लाभ समय पर मिलेंगे, जिससे उनकी वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित होगी।
निगम का स्वरूप और कानूनी ढांचा
- गैर-लाभकारी संस्था के रूप में पंजीकरण
– निगम कंपनी अधिनियम की तहत एक गैर-लाभकारी संस्था के रूप में स्थापित होगा। - केन्द्रित भर्ती प्रक्रिया
– सभी विभागों (शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, कृषि, आदि) के संविदा पदों पर भर्ती, वेतन वितरण, लाभ अर्जन की जिम्मेदारी निगम पर होगी। - विभागीय समन्वय
– राजस्व, वित्त, श्रम और संबंधित विभागों के सहयोग से भर्ती-प्रक्रिया, वेतन-निगरानी और कर्मचारी कल्याण कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
निगम गठन की कार्यवाही – क्या हुआ है और आगे क्या होगा?
चरण | विवरण |
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ड्राफ्ट तैयार | निगम के गठन का मसौदा कानूनी टीम ने तैयार कर लिया है। |
कैबिनेट अनुमोदन | प्रस्ताव अगले कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा, जहाँ स्वीकृति के बाद विधिक प्रक्रिया शुरू होगी। |
पंजीकरण एवं अधिसूचना | कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद निगम का पंजीकरण और अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित किया जाएगा। |
कार्यान्वयन प्रारंभ | विभागीय स्टाफ, IT इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे। |
अनुमानित समयरेखा:
– कैबिनेट अनुमोदन के १–२ महीने के भीतर अधिसूचना की उम्मीद है।
– इसके बाद अगले ३–४ महीने में पूर्ण क्रियान्वयन की प्रक्रिया पूरी हो सकती है।
संविदा कर्मचारियों को मिलने वाले मुख्य लाभ
- नियमित वेतन भुगतान: समय पर बैंक खाते में सीधे राशि।
- PF एवं ESI योगदान: हर माह कर्मचारी के PF और ESI खाते में योगदान जमा।
- दुर्घटना बीमा एवं स्वास्थ्य सुविधाएँ: दुर्घटना या बीमारी की स्थिति में सुरक्षा।
- छुट्टियाँ एवं अन्य अवकाश: विनियमित अवकाश नीति के तहत छुट्टियाँ।
- नौकरी की सुरक्षा: अस्थायी पदों पर स्थायीत्व का भाव, अनुचित बर्खास्तगी से संरक्षण।
विभागीय तैनाती और संचालन
- प्रत्येक विभाग की जरूरत के अनुरूप आउटसोर्स सेवा निगम संविदा कर्मचारियों की तैनाती करेगा।
- निगम:
- भर्ती प्रक्रिया को ऑनलाइन पोर्टल पर नियंत्रित करेगा।
- प्रशिक्षण सत्र आयोजित करेगा ताकि कर्मचारी सेवा मानकों को समझें।
- निगरानी और शिकायत निवारण के लिए हेल्पलाइन एवं लोक-सुनवाई व्यवस्था बनाएगा।
चुनौती और सावधानियाँ
- समन्वय में देरी: कई विभागों के बीच तालमेल में समय लग सकता है।
- टेक्नोलॉजी अवसंरचना: ऑनलाइन भर्ती-पोर्टल के सुचारु संचालन के लिए मजबूत IT सिस्टम आवश्यक।
- प्रशिक्षण की व्यापकता: सभी संविदा कर्मचारियों को समय पर प्रशिक्षित करना चुनौतीपूर्ण रहेगा।
निवारण:
– चरणबद्ध क्रियान्वयन, परीक्षण एवं फीडबैक के आधार पर सुधार।
– राज्य स्तरीय मॉनिटरिंग कमेटी द्वारा नियमित समीक्षा।