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उत्तर प्रदेश में सभी गांवों में पट्टे के लिए योगी सरकार निकालगी टेन्डर

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक में ग्रामीण विकास को गति देने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। इनमें तालाबों के पट्टे पर आवंटन, ग्राम सचिवालयों का डिजिटलीकरण, और स्वच्छता व पर्यावरण संरक्षण की पहलें शामिल हैं।

तालाबों के पट्टे से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगा बल

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पारंपरिक तालाबों को केवल जलस्रोत नहीं, बल्कि ग्रामीण संस्कृति और समाज की आत्मा बताया। उन्होंने सुझाव दिया कि इन तालाबों का 3 से 5 सालों की अवधि के लिए पट्टा आवंटन किया जाए, ताकि राजस्व अर्जित किया जा सके। इससे न केवल स्थानीय रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि जल संरक्षण और मत्स्य पालन को भी बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने पंचायती राज, राजस्व और मत्स्य विभाग को तालाबों के रखरखाव, उनके सदुपयोग और नियमित निगरानी के लिए एक समेकित कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए। इसके तहत तालाबों की समय-समय पर सफाई, जल स्तर की निगरानी, और जल स्रोतों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।

इस पहल से ग्रामीण क्षेत्रों में जल संसाधनों का संरक्षण होगा और स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ भी मिलेगा। तालाबों के पट्टे से प्राप्त राजस्व का उपयोग गांवों के विकास कार्यों में किया जाएगा, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

ग्राम सचिवालयों का डिजिटलीकरण: स्मार्ट विलेज की ओर कदम

मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश की 57,695 ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालयों की स्थापना हो चुकी है, जो ग्रामीण शासन का प्रमुख आधार बन रहे हैं। उन्होंने आदेश दिया कि सभी ग्राम सहायकों को 15 दिनों की कंप्यूटर प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से दिलाई जाए ताकि वे तकनीकी रूप से योग्य बन सकें।

ग्राम सचिवालयों में लगे कंप्यूटरों के माध्यम से पंचायत गेटवे पोर्टल पर जुड़ी वित्तीय गतिविधियों को डिजिटल रूप में संचालित किया जाएगा। इसके अलावा, राज्य स्तरीय कॉल सेंटर, ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली, 10-सीटर हेल्पलाइन सुविधा, ग्राम सचिवालयों की जियोफेंसिंग, और इंटरनेट कॉलिंग जैसे उपायों को ग्रामीण प्रशासन में लागू किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने ‘स्मार्ट विलेज’ की परिकल्पना को साकार करने के लिए कई बुनियादी व्यवस्थाओं को गांवों में अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश दिए, जैसे कि ग्राम सचिवालय में कॉमन सर्विस सेंटर की व्यवस्था, सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों का डिजिटलीकरण, उत्सव भवन, सीसीटीवी कैमरे, स्ट्रीट लाइट, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, और अंत्येष्टि स्थल की उपयुक्त योजना।

इन पहलों से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासनिक कार्यों की पारदर्शिता बढ़ेगी, सेवाओं की पहुंच आसान होगी, और गांवों का समग्र विकास सुनिश्चित होगा।

स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण: सतत विकास की दिशा में पहल

मुख्यमंत्री ने ग्रामीण स्वच्छता व्यवस्था को प्राथमिकता देने को कहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सफाई कर्मचारियों को समय पर मानदेय मिले और किसी स्तर पर देरी न हो। अब तक प्रदेश के 96,171 राजस्व ग्रामों में से 90,891 को ODF Plus घोषित किया जा चुका है, जो ग्रामीण स्वच्छता की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है।

मुख्यमंत्री ने सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को ग्रामीण क्षेत्रों में पूरी तरह प्रतिबंधित करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक प्रबंधन इकाइयों का निर्माण निर्धारित समयसीमा में पूरा हो। अधिकारियों की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रस्तावित 150 में से 89 इकाइयों का कार्य पूरा कर लिया गया है। इसके अलावा, 73 जिलों में 115 गोबरधन प्लांट बनकर तैयार हैं, जो जैविक कचरे के प्रबंधन और सतत कृषि के लिए सहायक होंगे।

इन पहलों से न केवल पर्यावरण संरक्षण होगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता और स्वास्थ्य के स्तर में भी सुधार आएगा। साथ ही, जैविक कचरे के प्रबंधन से किसानों को अतिरिक्त आय के स्रोत मिलेंगे, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इन पहलों से उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से गांवों में जीवन स्तर में सुधार होगा, और राज्य के समग्र विकास में योगदान मिलेगा।

Anurag Maurya

Hello, I am ANURAG. Currently I am a Blogger and Content Creator. I have 3+ years experience in Blogging and Content Creation in various fields like Govt. Job Updates, Sarkari Yojana, Career News, Exams Preparation, intercity rail blogs etc.

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