
Enumeration Form Bihar: बिहार एन्यूमरेशन फॉर्म कैसे भरें?
बिहार सरकार विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ पात्र वर्ग तक पहुँचाने के लिए हर वर्ष एन्यूमरेशन (गणना) प्रक्रिया चलाती है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत एन्यूमरेशन फॉर्म भरकर बिहार के सभी गांव, शहर और नगरीय क्षेत्र के गरीब, वृद्ध, विधवा, दलित, पिछड़ा वर्ग व अन्य लाभार्थियों का विवरण संकलित किया जाता है। इस फॉर्म से सरकार इन वर्गों के परिवारों की यथार्थ जानकारी प्राप्त कर पेंशन, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी योजनाएँ निश्छल रूप से उपलब्ध कराती है।
Contents
- 1 एन्यूमरेशन फॉर्म क्या है?
- 2 एन्यूमरेशन का उद्देश्य
- 3 पात्रता एवं लाभार्थी वर्ग
- 4 एन्यूमरेशन फॉर्म का ढाँचा (प्रमुख खंड)
- 5 ऑनलाइन व ऑफलाइन फॉर्म भरने की प्रक्रिया
- 6 आवश्यक दस्तावेज
- 7 फॉर्म जमा करने के बाद की प्रक्रिया
- 8 व्यक्तिगत अनुभव एवं टिप्स
- 9 FAQs (सामान्य प्रश्न)
- 9.1 एन्यूमरेशन फॉर्म कब भरा जाता है?
- 9.2 क्या मैं स्वयं से फॉर्म डाउनलोड कर भर सकता हूँ?
- 9.3 ऑनलाइन डिजिटल एन्यूमरेशन कहाँ उपलब्ध?
- 9.4 गलत विवरण सुधारना हो तो क्या करें?
- 9.5 एन्यूमरेशन के बाद कितने दिन में योजनाएं शुरू होती हैं?
- 9.6 मैंने दस्तावेज अपलोड किए पर अभी तक सूची में नाम नहीं; क्या करें?
- 9.7 एन्यूमरेशन फॉर्म का PDF कैसे प्राप्त करें?
एन्यूमरेशन फॉर्म क्या है?
एन्यूमरेशन फॉर्म एक सर्वेक्षण फॉर्म है जिसे पंचायत स्तर/नगरपालिका स्तर पर ग्राम सेवक, क्लर्क या विश्वसनीय स्वयंसेवक द्वारा घर-घर जाकर भरा जाता है। इस फॉर्म में परिवार के सदस्यों के नाम, आयु, शिक्षा, परिवारिक आय, आवास स्थिति, रोजगार, सामाजिक वर्ग आदि विवरण दर्ज होते हैं। इसके आधार पर ही सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को अंतिम सूची (Beneficiary List) में शामिल किया जाता है।
एन्यूमरेशन का उद्देश्य
- यथार्थ सर्वेक्षण: श्रेणीगत लाभार्थी वर्गों की वास्तविक पहचान।
- योजना लक्ष्य निर्धारण: पेंशन, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य योजनाओं के लिए आवंटन।
- भ्रष्टाचार में कमी: डिजिटल एन्यूमरेशन से फर्जी लाभार्थी कम।
- पारदर्शिता व न्याय: वास्तविक जरुरतमंदों तक संसाधन पहुँचना सुनिश्चित।
पात्रता एवं लाभार्थी वर्ग
एन्यूमरेशन फॉर्म में विशेष रूप से निम्न वर्गों के परिवारों को जोड़कर सर्वे किया जाता है:
- वृद्ध (60 वर्ष एवं अधिक आयु) – वृद्धा पेंशन हेतु
- विकलांग – विकलांग पेंशन हेतु
- विधवा महिलाएँ – विधवा पेंशन हेतु
- दलित/पिछड़ा वर्ग – जाति प्रमाणित योजनाएँ
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS/LIG) – आवास व अन्य योजनाएँ
- महिलाएँ व बच्चे – महिला एवं बाल विकास योजनाएँ
इन परिवारों को एन्यूमरेशन में प्राथमिकता दी जाती है, साथ ही अन्य ग्रामीण एवं शहरी गरीब परिवारों का भी सर्वेक्षण होता है।
एन्यूमरेशन फॉर्म का ढाँचा (प्रमुख खंड)
एन्यूमरेशन फॉर्म में आमतौर पर निम्नलिखित सेक्शन होते हैं:
- परिवारिक विवरण: परिवार मुखिया का नाम, परिवार के सदस्यों की संख्या, पता, फोन/मोबाइल नंबर।
- आधार व जनगणना विवरण: प्रत्येक सदस्य का आधार नंबर, जनगणना कोड।
- आयु व लिंग: प्रत्येक सदस्य की जन्मतिथि व लिंग।
- शैक्षणिक योग्यता: सदस्य की शिक्षा स्तर (बिना पढ़े से उच्च शिक्षा तक)।
- पेशा व रोजगार: किसान, मजदूर, स्वरोजगार, बेरोजगार आदि।
- सामाजिक वर्ग: SC/ST/OBC/GEN आदि जाति प्रमाण।
- वित्तीय स्थिति: परिवारिक आय, बैंक खाता विवरण, पेंशन योजनाओं का लाभ।
- आवास की स्थिति: कच्चा/पक्का घर, किराये का घर, झुग्गी/झोपड़ी।
- स्वास्थ्य एवं विकलांगता: विकलांगता प्रमाणपत्र, बीमारियाँ, पेंशन योजनाएँ।
- अन्य योजनाएँ: PMAY–Urban/Gramin, उज्ज्वला, राशन कार्ड, वृद्धा/विधवा पेंशन आदि।
प्रत्येक खंड में सही जानकारी भरना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि गलत विवरण से योजना के लाभ में अवरोध होता है।
ऑनलाइन व ऑफलाइन फॉर्म भरने की प्रक्रिया
ऑफलाइन एन्यूमरेशन
- ग्राम सेवक/क्लर्क से संपर्क: पंचायत कार्यालय या ब्लॉक कार्यालय से सूचना प्राप्त करें।
- फॉर्म प्राप्त करें: प्रिंटेड एन्यूमरेशन फॉर्म लें।
- घर-घर सर्वे: नियुक्त सेवक आपके घर आएगा—सभी सदस्यों की जानकारी पूछेगा।
- दस्तावेज दिखाएँ: आधार कार्ड, जाति/आय प्रमाण आदि दिखाएँ।
- फॉर्म हस्ताक्षर: परिवार मुखिया द्वारा हस्ताक्षर या अंगूठा निशान करें।
- सत्यापन: सेवक फॉर्म सत्यापित कर ब्लॉक कार्यालय में जमा करेगा।
ऑनलाइन एन्यूमरेशन
बिहार सरकार ने कुछ जिलों में डिजिटल एन्यूमरेशन एप्लीकेशन (Android आधारित) भी आरंभ किया है:
- एप्लीकेशन इंस्टॉल: चिन्हित स्वयंसेवक मोबाइल पर “Bihar Enumeration App” इंस्टॉल करते हैं।
- GPS व फोटो: घर व परिवार की फोटो व GPS कोऑर्डिनेट्स कैप्चर करते हैं।
- डेटा एंट्री: ऊपर उल्लिखित सेक्शन डिजिटल फॉर्म में भरते हैं।
- दस्तावेज़ अपलोड: आधार, जाति/आय प्रमाण की स्कैन कॉपी अपलोड होती है।
- सबमिट: इंटरनेट या वाई-फाई कनेक्शन से डाटा सर्वर पर भेजा जाता है।
इससे रेडंट फॉर्म्स व गलत एंट्री की संभावना न्यून हो जाती है।
आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड: परिवार के सभी सदस्यों का आधार कार्ड।
- जन्म/आय प्रमाण: जन्म प्रमाणपत्र, स्कूल छोड़ने का प्रमाणपत्र, वोटर ID।
- पते का प्रमाण: राशन कार्ड, बिजली बिल, बैंक पासबुक।
- जाति/धर्म प्रमाण: जाति प्रमाणपत्र या धर्म प्रमाण।
- आय प्रमाण: बैंक पासबुक, आयकर रिटर्न या BPL कार्ड।
- विकलांगता प्रमाणपत्र: सरकारी मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी।
- विधवा प्रमाण (यदि लागू हो): पति मृत्यु प्रमाणपत्र व विधवा प्रमाणपत्र।
इन दस्तावेजों की साफ कॉपी या स्कैन रखकर सेवक को दिखाएँ ताकि फॉर्म में सत्यापन शीघ्र हो।
फॉर्म जमा करने के बाद की प्रक्रिया
- सत्यापन: ब्लॉक/पंचायत कार्यालय में सेवक द्वारा फॉर्म व दस्तावेज सत्यापित।
- डेटा एन्ट्री रोज: विभिन्न योजनाओं के लिए डेटा राज्य पोर्टल/दत्त सेंटर पर सुरक्षित रूप से दैनिक भेजा जाता है।
- बेनिफिशियरी लिस्ट तैयार: राज्य सरकार द्वारा पोर्टल पर लाभार्थियों की लिस्ट अपडेट होती है।
- योजना अनुसार क्रियान्वयन: पेंशन, आवास, राशन कार्ड, उज्ज्वला गैस, स्वास्थ्य कार्ड आदि योजनाएँ लाभार्थी को जारी।
- समीक्षा एवं सुधार: जिले/ब्लॉक स्तर पर गलत विवरण सुधारने हेतु ग्रेनिवेंस मेकैनिकिज़्म होता है।
एन्यूमरेशन के ठीक-ठीक होने से सरकारी योजनाओं का लाभ समय से गरीबों तक पहुँचता है।
अपना सर्वेक्षण सुनिश्चित करें और बिहार सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ उठाएँ!
| समस्या | कारण | समाधान |
|---|---|---|
| फॉर्म न भरना पड़ना | सेवक द्वारा सर्वेक्षण में छूट | पंचायत कार्यालय से पुनः सर्वेक्षण का अनुरोध करें |
| दस्तावेज पर हस्ताक्षर या गलती | परिवार मुखिया की अनुपस्थिति या हस्ताक्षर न करना | पुनः सेवा केंद्र/ब्लॉक से सुधार कराएं |
| सूची में नाम न दिखना | डेटा पोर्टल पर अपलोड विलंब या गलत विवरण | पंचायत अधिकारी/डिजिटल नोडल अधिकारी से संपर्क करें |
| डिजिटल फॉर्म सबमिट न होना | एप में इंटरनेट कनेक्शन समस्या या ऐप बग | ऑफलाइन फॉर्म प्रयोग करें या वाई-फाई जाँचें |
| परिवार के सदस्यों का विवरण अधूरा | दस्तावेज़ अस्पष्ट या जानकारी अभाव | दस्तावेज़ साथ लाकर फिर से फॉर्म भरवाएं |
व्यक्तिगत अनुभव एवं टिप्स
“हमारे गाँव में डिजिटल एन्यूमरेशन ने प्रक्रिया बेहद तेज़ कर दी—GPS व फोटो से सही लोकेशन मिला और बिजली बिल बताकर तुरंत पते में सुधार हो गया।”
— Aanya, 21 वर्ष, 3 वर्षों का ब्लॉगिंग अनुभव
टिप्स:
- सभी दस्तावेज़ की स्पष्ट स्कैन कॉपी रखें—सेवक को दिखाने में तेजी।
- डिजिटल सर्वे में मोबाइल GPS चालू रखें—लोकेशन मिलान सटीक होगा।
- ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों फॉर्मों की प्रति अपने पास रखें—बैकअप।
- किसी गलती की स्थिति में पंचायत भवन में जानकारी लेकर सुधार करवाएं।
FAQs (सामान्य प्रश्न)
एन्यूमरेशन फॉर्म कब भरा जाता है?
हर वर्ष या योजना-विशेष सर्वेक्षण के तहत ब्लॉक/पंचायत स्तर पर।
क्या मैं स्वयं से फॉर्म डाउनलोड कर भर सकता हूँ?
नहीं, यह सिर्फ सर्वे एजेंट/सचिव/सेवक द्वारा ही घर-घर जाकर भरा जाता है।
ऑनलाइन डिजिटल एन्यूमरेशन कहाँ उपलब्ध?
चयनित जिलों में “Bihar Enumeration App” के माध्यम से—पंचायत सूचना केंद्र में पता करें।
गलत विवरण सुधारना हो तो क्या करें?
पंचायत भवन के ब्लॉक क्लर्क से फार्म सुधारवाएँ—सत्यापन पश्चात पोर्टल अपडेट।
एन्यूमरेशन के बाद कितने दिन में योजनाएं शुरू होती हैं?
डेटा वेरिफिकेशन व पोर्टल अपलोड के 30–45 दिनों में लाभार्थियों को नोटिफिकेशन मिलती है।
मैंने दस्तावेज अपलोड किए पर अभी तक सूची में नाम नहीं; क्या करें?
डिजिटल नोडल विभाग से संपर्क करें या पंचायत अधिकारी को लिखित आवेदन दें।
एन्यूमरेशन फॉर्म का PDF कैसे प्राप्त करें?
फिलहाल सार्वजनिक डाउनलोड नहीं—केवल सेवक/पंचायत अधिकारी के पास डिजिटल मसौदा रहता है।
अपना सर्वेक्षण सुनिश्चित करें और बिहार सरकार की योजनाओं का पूरा लाभ उठाएँ!




